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राजस्थानी शायरी – Rajasthani Shaayri in Hindi – Marwadi Shayari – khudkikalam

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राजस्थान, जिसे “राजाओं की भूमि” कहा जाता है, अपनी समृद्ध भाषा, संस्कृति, और साहित्यिक परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यहां की हर धरोहर में शौर्य, प्रेम, और सांस्कृतिक विविधता की छाप दिखाई देती है। राजस्थान की भाषा, संस्कृति, और राजस्थानी शायरी पर एक नजर डालते हैं:

राजस्थानी भाषा:

राजस्थानी भाषा को स्थानीय बोलियों और विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली उप-भाषाओं का संग्रह कहा जा सकता है। राजस्थानी मुख्य रूप से पश्चिमी राजस्थान के लोगों द्वारा बोली जाती है। इसकी कई प्रमुख बोलियाँ हैं, जैसे:

  • मारवाड़ी (जोधपुर, बीकानेर क्षेत्र)
  • मेवाड़ी (उदयपुर क्षेत्र)
  • शेखावाटी (सीकर, झुंझुनूं क्षेत्र)
  • ढूंढाड़ी (जयपुर क्षेत्र)

राजस्थानी भाषा में मिठास और लोकजीवन की सजीव झलक मिलती है। ये भाषा राजस्थानी लोक साहित्य, गीतों, और शायरी में बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है।

राजस्थानी संस्कृति:

राजस्थानी संस्कृति में लोक कला, संगीत, नृत्य, वास्तुकला और हस्तशिल्प का महत्वपूर्ण स्थान है। कुछ प्रमुख सांस्कृतिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  • पुष्कर मेला: एक प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक मेला, जिसमें ऊंटों की दौड़, लोक संगीत, और नृत्य होते हैं।
  • लोक संगीत और नृत्य: राजस्थान के संगीत और नृत्य रूप जैसे गींदड़, कालबेलिया, घूमर, और भवाई राजस्थान की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं।
  • राजस्थानी पोशाक: पुरुषों का धोती-कुर्ता, पगड़ी और महिलाओं का घाघरा-चोली रंग-बिरंगी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हैं।
  • त्योहार: दीपावली, होली, तीज, गणगौर, और मकर संक्रांति जैसे प्रमुख त्यौहार यहाँ धूमधाम से मनाए जाते हैं।

राजस्थानी शायरी:

राजस्थानी शायरी में प्रेम, वीरता, और लोकजीवन की झलक मिलती है। इस शायरी में प्रेम की गहराई, सांस्कृतिक मूल्यों की प्रतिष्ठा और राजस्थानी जीवन की विविधता को खूबसूरती से पेश किया जाता है।

प्रेम से भरी राजस्थानी शायरी:

प्यार में ऐसी मिठास है, ज्यूं मीठी घी की बाटी,
दिल री धड़कन में समाई, हर पल में साथी।
सांवरिया रंगो रंगीलो, थारो रूप मोहे भाय,
सपनों में आवे रात भर, थारो मुख मोहे लुभाय।

वीर रस से भरपूर शायरी:

म्हारो राजस्थान वीर भूमि, रणभूमि में करे शान,
मर्दानी शूरवीर योद्धा, रण में दिखावे अपनी पहचान।
पृथ्वीराज सा वीर हो, राणा प्रताप जैसो नाम,
मातृभूमि रा परण के वास्ते, देवे बलिदान।

राजस्थानी जीवन पर आधारित शायरी:

रेगिस्तान की धोरियों में, ज्यूं सोने की चमक,
कड़ी धूप में भी यहां, खुशबू में है चहक।
ऊंट की पीठ पे सफर, और कचौरी की मिठास,
राजस्थानी लोक में सजीव है, जीवन का हर अंदाज़।

राजस्थानी शायरी में राजस्थानी भाषा का मिठास और संस्कृति की गहराई साफ झलकती है। यह शायरी हर व्यक्ति के दिल में अपनी छाप छोड़ने की क्षमता रखती है, चाहे वो प्रेम का इज़हार हो, वीरता का गुणगान हो, या फिर सामान्य जीवन का सुंदर चित्रण।

निष्कर्ष:

राजस्थानी भाषा और संस्कृति अद्वितीय और आकर्षक है, जो इसे देशभर में एक विशेष स्थान दिलाती है। राजस्थानी शायरी में इस संस्कृति और भावनाओं की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति होती है। यह प्रेम, शौर्य और लोकजीवन का अनूठा संगम है, जो हर किसी के दिल में गहरी छाप छोड़ता है।

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के जस मिळगो तने करिया गलत काज,
जो जस लेके घूमे है तू जाणे, के है बीरो राज
कब तक लेर घुमेला तू, लेर सर झूठो ताज
इया दुसरो ने धोखो देर कब तक करलेगो नाज!

छोरी को काका –
मारी छोरी घूंघटो कोनी काढ़ैली”
लड़के का काका –
कोई बात कोनी घूंघटो म्हें काढ़ लेस्यां, थै ब्याव तो करो

भुरियो एक्स-रे करवाण गयो डॉक्टर.
आपके एक्स-रे मे आपकी हड्डी टूटी हुई है
भुरियो.भगवान को भलो है ठीक रहयो एक्स-रे म ही टूटी
जेसाँची म हीटूट ज्याची तोबोळा रिपिया लागण न जग्याहो ज्याती..

मार्क जकरबर्ग और मुकेश अंबानी उ ज्यादा तो
ए ट्रेक्टर ट्रॉली आळा Busy होरया है
सार दिन तूड़ी ढोव

राजस्थानी संस्कृति शायरी

आज म माँ न कहो, माँ आपान कुत्तों पाळल्या के माँ बोली क्यूँ ?
तू घर छोड़ के जा है के यार हर बात प बेइज्जती

घर म लुगाई को घूंघट
और दादोसा को
साफों राजस्थान की शान मानी ज है

रावणकितो भी पापी और बुरो हो पर बोकदे मंदोदरी न
ईयाकोनी कहो, मेले बाबू ने खाना खाया क्या ?

पुठरी लुगाई Is Like A Trophy
और कोई लेज्या तो रिस बेज्या आव

राजस्थानी तारीफ शायरी

जो भाई राजस्थानी जाट के Status को Like
नहीं कर सकता कृपया मिञसूची निकल जाए

शौक से कौन शेर बनता हैं भाई कौम
ही ऐसी है राजस्थानी जाटों वाली है

Rajasthani Shayari

के जस मिळगो तने करिया गलत काज,
जो जस लेके घूमे है तू जाणे, के है बीरो राज
कब तक लेर घुमेला तू, लेर सर झूठो ताज
इया दुसरो ने धोखो देर कब तक करलेगो नाज!

छोरी को काका –
मारी छोरी घूंघटो कोनी काढ़ैली”
लड़के का काका –
कोई बात कोनी घूंघटो म्हें काढ़ लेस्यां, थै ब्याव तो करो

भुरियो एक्स-रे करवाण गयो डॉक्टर.
आपके एक्स-रे मे आपकी हड्डी टूटी हुई है
भुरियो.भगवान को भलो है ठीक रहयो एक्स-रे म ही टूटी
जेसाँची म हीटूट ज्याची तोबोळा रिपिया लागण न जग्याहो ज्याती..

मार्क जकरबर्ग और मुकेश अंबानी उ ज्यादा तो
ए ट्रेक्टर ट्रॉली आळा Busy होरया है
सार दिन तूड़ी ढोव

राजस्थानी संस्कृति शायरी

आज म माँ न कहो, माँ आपान कुत्तों पाळल्या के माँ बोली क्यूँ ?
तू घर छोड़ के जा है के यार हर बात प बेइज्जती

घर म लुगाई को घूंघट
और दादोसा को
साफों राजस्थान की शान मानी ज है

रावणकितो भी पापी और बुरो हो पर बोकदे मंदोदरी न
ईयाकोनी कहो, मेले बाबू ने खाना खाया क्या ?

पुठरी लुगाई Is Like A Trophy
और कोई लेज्या तो रिस बेज्या आव

राजस्थानी तारीफ शायरी

जो भाई राजस्थानी जाट के Status को Like
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शौक से कौन शेर बनता हैं भाई कौम
ही ऐसी है राजस्थानी जाटों वाली है

Rajasthani Shayari

के जस मिळगो तने करिया गलत काज,
जो जस लेके घूमे है तू जाणे, के है बीरो राज
कब तक लेर घुमेला तू, लेर सर झूठो ताज
इया दुसरो ने धोखो देर कब तक करलेगो नाज!

छोरी को काका –
मारी छोरी घूंघटो कोनी काढ़ैली”
लड़के का काका –
कोई बात कोनी घूंघटो म्हें काढ़ लेस्यां, थै ब्याव तो करो

भुरियो एक्स-रे करवाण गयो डॉक्टर.
आपके एक्स-रे मे आपकी हड्डी टूटी हुई है
भुरियो.भगवान को भलो है ठीक रहयो एक्स-रे म ही टूटी
जेसाँची म हीटूट ज्याची तोबोळा रिपिया लागण न जग्याहो ज्याती..

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ए ट्रेक्टर ट्रॉली आळा Busy होरया है
सार दिन तूड़ी ढोव

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आज म माँ न कहो, माँ आपान कुत्तों पाळल्या के माँ बोली क्यूँ ?
तू घर छोड़ के जा है के यार हर बात प बेइज्जती

घर म लुगाई को घूंघट
और दादोसा को
साफों राजस्थान की शान मानी ज है

रावणकितो भी पापी और बुरो हो पर बोकदे मंदोदरी न
ईयाकोनी कहो, मेले बाबू ने खाना खाया क्या ?

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और दादोसा को
साफों राजस्थान की शान मानी ज है

रावणकितो भी पापी और बुरो हो पर बोकदे मंदोदरी न
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राजस्थानी तारीफ शायरी

जो भाई राजस्थानी जाट के Status को Like
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शौक से कौन शेर बनता हैं भाई कौम
ही ऐसी है राजस्थानी जाटों वाली है

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