PM Vishwakarma Yojana 2024 (विश्वकर्मा योजना)

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य  में  पारंपरिक कार्यक्रम के लिए विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की है। लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी जी ने घोषणा की, कि सरकार जल्द ही पारंपरिक शिल्प कौशल में व्यक्तियों के लिए एक योजना शुरू करेगी। वही विश्वकर्मा योजना की शुरुआत  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने 73 जन्मदिन के विशेष मौके पर द्वारका में स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर में की. जिसमें उन्होंने  टूल किट बुकलेट और 18 डाक टिकट लॉन्च की है।

साथ ही लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार हर तरह के वर्ग के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही है।  यह योजनाएं लोगों के लिए लाभकारी और कल्याणकारी होंगी। यह योजनाएं किसानों से लेकर महिलाओं तक के लिए शुरू की गई है। यह योजना लोगों को अपना व्यापार शुरू करने में भी मदद करेगी।

अगर आप भी अपना व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो आपको इस योजना के तहत तीन लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। इसकी खास बात यह है कि  इस योजना में बिना किसी गारंटी के लोन मिलता है। लेकिन इसके लिए सरकार ने 18 ट्रेंड्स तय किए हैं। जिसे लाभार्थीजुड़ा होना चाहिए। ऐसे में अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाने की सोच रहे है तो आप भी आवेदन कर सकते हैं। वही अगर आपको इस बात की पूरी जानकारी जननी है तो आप इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे!

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पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है ?

उद्यम मंत्रालय द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना सूक्ष्म,लघु ,और मध्यम के लिए यह एक केंद्रीय योजना है। जो कारीगरों  और शिल्पकारों को सस्ते ऋण,आधुनिक उपकरण, कुशल प्रशिक्षण,  डिजिटल लेनदेन में मदद करेगी!

इस योजना के लिए 13,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। वही 18 व्यवसायों को इस योजना के तहत शामिल किया गया है। पीएम विश्वकर्मा को शुरू में वित्तीय वर्ष 2027 – 2028 तक 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू किया गया है।

योजना का उद्देश्य क्या है ?

पीएम विश्वकर्मा उद्देश्य का योजना कारीगरों और शिल्पकारों के पैमाने  और सेवाओं की गुणवता में सुधार करना है। उन्हें इस क्षेत्र में चल रही तकनीक या मशीनों से परिचित करवाना है। इस योजना के जरिए सुनारों, दर्जी ,लोहारों , मूर्तिकार, कपड़े धोने वाले श्रमिकों का आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान किया जाएगा। अगर उनके पास पैसे नहीं है, तो उन्हें लोन दिलवा कर नई मशीन खरीदने के लिए प्रोत्साहन किया जाएगा।

क्या है योजना का लाभ?

 इस योजना के तहत शिल्पकार और कारीगरों को निम्नलिखित प्रकार से मदद मिलेगी;

कौशल प्रशिक्षण:  ₹500 प्रतिदिन के स्टाइपेंड (वजीफे) के  साथ ही 5  से 7 दिन का बुनियादी प्रशिक्षण और 15, दोनों या उससे अधिक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

ऋण से सहायता: कारीगरों को सस्ते ऋण की भी व्यवस्था भी इस योजना के तहत की गई है। इसके तहत  ऋण  3  लाख  रुपए  तक है और 1 लाख और 2 लाख  रुपए के दो किश्तों में 18 महीने और 30 महीने की अवधि  तक होगा। जो 5% ब्याज दर पर निर्धारित रियायती भारत सरकार द्वारा  8% की सीमा तक प्रदान  करेगा।

 टूलकिट प्रोत्साहन:  ई- वाउचर के रूप में 15,000 रु. रुपये तक  का शुरुआत में बुनियादी कुशल प्रशिक्षण के लिए टूलकिट प्रोत्साहन भीउन्हें मिलेगा।

 प्रमाण पत्र:  पीएम  विश्वकर्मा प्रमाण पत्र  के लिए शिल्पकारों और कारीगरों को एक अलग आईडी कार्ड पहचान प्रदान की जाएगी।

योजना के लिए जरूरी दस्तावेज़

इस योजना में इन नीचे दिए गए दस्तावेज़ की आवश्यकता पड़ेगी।

  • बैंक पासबुक
  •  फोन नंबर
  •  राशन कार्ड
  •  पासपोर्ट साइज फोटो
  •  आवेदक का आधार कार्ड
  • अधिवास प्रमाण पत्र

1) हर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अप्लाई कर सकता है।

2)18 वर्ष कम से कम आयु वाले लोग इस में आवेदन कर सकते है!

3)परिवार के किसी एक ही सदस्य को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।

4) आवेदक के पास कोई रोजगार नहीं होना चाहिए।

5) इस योजना का लाभ सिर्फ गरीब और निम्न वर्ग के लोग ही उठा पाएंगे।

6)आवेदक के पास प्रधानमंत्री  विश्वकर्मा योजना के लिए का लाभ लेने के लिए ई -श्रम कार्ड होना चाहिए।

7)आवेदन करने के लिए इस योजना को आपको भारत के किसी राज्य का निवासी होना चाहिए।

8) प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में ऐसे लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जो किसी( स्किल )को जानते हो जैसे मूर्तिकार , लोहार ,कुमार आदि।

कैसे जुड़े इस योजना से?

सबसे पहले  इस योजना की साइट पर www.pmvishwakarma.gov.in जाना होगा। उसके बाद रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें अब एक पेज आपके सामने आएगा  उसमें  अपना मोबाइल नंबर , और आधार कार्ड  नंबर डालना होगा,इसके बाद आपकोवेरिफिकेशन  पर क्लिक करना है, इसके बाद जो डॉक्यूमेंट मांगे जाए  आखिर में आपको अपलोड करके सबमिट पर क्लिक करते ही आप इस योजना से जुड़ जाएंगे!

इस योजना का लाभ किसे मिलेगा ?

 विभिन्न प्रकार के 18 व्यवस्थाओं को इस योजना मे शामिल किया गया है जो कि इस प्रकार है

  •  बढ़ई
  • लोहार
  • हथियार निर्माता
  • पत्थर तोड़ने वाले
  • राज मिस्त्री
  • हथोड़ा और टूल किट निर्माता
  • माला बनाने वाला
  • धोबी
  • दर्जी
  • नाई
  • मोची /जूता कारीगर
  • टोकरी /चटाई/ झाड़ू/ निर्माता/ कॉयर बुनकर
  • मूर्तिकार (  मूर्तिकार पत्थर, तराशने वाला)
  • गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक)
  • मछली पकड़ने वाला जाल का निर्माण करने वाला
  • ताला बनाने वाले
  •  कुम्हार
  •  सोनार

अपने मोबाइल से घर बैठे ही ऑनलाइन मोबाइल फोन के माध्यम से  पीएम  विश्वकर्मा योजना आवेदन की स्थिति को जांच कर सकते हैं।  आपको सबसे पहले इस योजना की ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा,उसके बाद होम पेज के मेनू  पर  लॉगिन  का ऑप्शन मिलेगा, जिस पर आपको क्लिक करना होगा।  क्लिक करते हीबेनिफिशियरी लोगों पर क्लिक कर दीजिएअगले पेज पर  आपकारजिस्टर्ड  मोबाइल नंबर आएगा। इस बात का खास ख्याल रखें कि जोअपने आवेदन के वक्त डाला  नंबर डाला था वही यहां प्रयोग करें।  लास्ट में लॉग इन  के बटन पर क्लिक कर दे।  अब आपके फोनपर क्लिक का बटन दबाते ही  सारी इनफार्मेशन सामने आ जाएगी।

पीएम विश्वकर्मा योजना सर्टिफिकेट?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना  में ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद इस कार्यक्रम में आपको सर्टिफिकेट आईडी भी मिलेगी ! जिसके बाद रोजगार करने के लिए आपको पहले किस्त में ₹1,00,000 मिलेगा ,जिसको आपको 18 महीने में चुकाना होगा, 5% ब्याज के साथ, अगर आप वो पैसा चुका देते है । तो इसके बाद आप आगे फिर से आर्थिक सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन करने के लिए आपको प्रधानमंत्री  विश्वकर्मा योजना के  निम्न चरणों का पालन करना होगा। ऑनलाइन के माध्यम से भी इस योजना का आपरजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस योजना का फॉर्म नजदीकी  सीएससी सेंटर जाकर भी भर सकते हैं। कुछ निम्न चरणों  के माध्यम से यहां पर आपको बताया गया है, कि आप किस तरह  प्रधानमंत्री विश्वकर्मायोजना का फॉर्म भर सकते हैं।

सवाल -जवाब(FAQs )

 1)ट्रेनिंग के दौरान कितना स्टाइपेंड मिलता है।

 प्रतिदिन 500 रुपये स्टाइपेंड का प्रावधान ट्रेडिंग के  दौरान  दिया जाएगा।

2)  पीएम  विश्वकर्मा  योजना के लिए कौन-कौन योग्य है

 मूर्ति कला, लोहार, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, दर्जी  और अन्य पारंपरिक व्यवस्थाओं में  लगे कारीगर और शिल्पकार इसके पात्र है।

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